मात्र 12 साल की लड़की मैथ समझाने का तरीका ऐसा जिसे देखकर दंग रह जाएंगे आप
वीडियो देखें
चैनल पर विजिट करें https://www.youtube.com/channel/UCONg4gB_CRp8JKJdU0FIkGA
मात्र 12 साल की लड़की मैथ समझाने का तरीका ऐसा जिसे देखकर दंग रह जाएंगे आप
वीडियो देखें
चैनल पर विजिट करें https://www.youtube.com/channel/UCONg4gB_CRp8JKJdU0FIkGA
आज बाबासाहेब अंबेडकर के जन्मदिवस पर हम बातें बहुत सुनाते हैं।
एक फोटो टेबल पर उनकी रख, माला हम पहनाते हैं।
दुनियाभर में अंबेडकरवादी होनेे का हल्ला हम मचाते हैं
लेकिन क्या उस युगपुरुष की बातें हम अपनाते हैं।
जो अनगिनत कष्टों को सहकर शिक्षा पाने जाते हैं।
जो जाति प्रथा और छुआछूत की समस्या का हल समझाते हैं।
दबे कुचले और शोषितों को राह दिखाते हैं।
लेकिन क्या उस युगपुरुष की बातें हम अपनाते हैं।
जो आजादी और आत्मसम्मान का महत्व हमें बतातेे हैं।
गौतम बुद्ध के आदर्शों पर चल तीन रत्न ग्रहण कर पंचशील अपनाते हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में राजनीति, अर्थशास्त्र, न्याय इत्यादि विषयों में 32 डिग्रियां हासिल कर आते हैं।
9 भाषाओं का ज्ञान रख बुद्ध या कार्ल मार्क्स, जातियों का विनाश, रुपए की समस्या, आदि पुस्तकें लिख जाते हैं।
वह अपने सद्कर्मों के कारण बाबासाहेब अंबेडकर कहलाते हैं।
31 मार्च 1990 को मरणोपरांत सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किए जाते हैं।
लेकिन क्या उस युग पुरुष की बातें हम अपनाते हैं।
वीडियो देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें-https://youtu.be/gGLu2kSPmaQ
सारे जगत में कोहराम मचा रही है महामारी कोरोना
बिना मास्क बेवजह घर सेेे बाहर पैर धरोना
लापरवाही कर असमय मरो ना
इस दुख की घड़ी में कालाबाजारी कर तिजोरियोंं को भरो ना
कालाबाजारी करते समय उस वाहेगुरु अल्लाह ईश्वर परमात्माा से डरो ना
सारा दोष सरकारों पर मंढो ना
मानवता के लिए मानव होने का खुुद भी फर्ज अदा करो ना
दैनिक जरूरत से ज्यादा खानेे-पीने का सामान ला घर को भरो ना
कम पैसे वाले गरीब मजदूरों के पेट का ख्याल करो ना
हर चौक चौराहे पर खड़े वर्दीधारियों का सहयोग करो
देेश हित में लॉक डाउन का पालन करो ना
आपकी सुरक्षा में समर्पित हर व्यक्ति में साहस भरो ना
इतना भी तुुम डरो ना इस समय एक शहर से दूसरेे शहर पलायन करो ना
युगो युगो से इस सत्य को सुनते आये हो हमारा शरीर नश्वर है।
फिर मरने से इतना डरो ना
जिस अदृृश्य शक्ति से तुम जिंदा हो उस पर विश्वास करो ना
इस समय तुम भयभीत हो डरो ना
सरकार की एडवाइजरी का आप पूर्णतया पालन करो ना
लापरवाही कर असमय मरो ना
आप की सजगता सेेेेे भाग जाएगा यह कोरोना
यह संदेश सभी को शेयर कर जागृत करो ना
जय हिंद जय भारत
वीडियो देखने के लिए क्लिक करें https://youtu.be/hkTrXIQFPUc
नारी यह नारी जिसकी दिन की रोशनी
घर परिवार को बसाने में गुजर गई
रात की नींद बच्चों को सुलाने में गुजर गई
जिस पति केेे घर में उसके नाम कि तख्ती भी नहीं
इसकी सारी उम्र उस घर को सजाने में गुजर गई।
नारी फिर भी नारी तू सम्मान है, तू अभिमान है।
इस संसार में खुशियांं भरने वाली, तू एक महान है।
होती बहुत अग्नि परीक्षाएं है तेरी, लेकिन कोई नहीं जानना चाहता क्या इच्छाएं है तेरी ।
तेरे ऊपर आज भी बहुत अत्याचार है,
जबकि तेरेे सहारे ही बसता पूरा घर परिवार है।
तू आज भी है दहेज के लिए जलाई जाती,
असहाय और अबला कहलाती।
तू चुप रह सब सह जाती, फिर भी तू इतिहास बनाती।
हिमा , नीरजा, कल्पना, अनीता बन जाती।
गीता, बबीता, रितु ,संगीता बन तिरंगा लहराती।
मैरी कॉम बन पंच लड़ाती। संघर्ष कर अपनी पहचान बनाती।
नारी फिर भी नारी तू सम्मान है, तू अभिमान है।
इस संसार में खुशियांं भरने वाली, तू एक महान है।
धन्यवाद अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
वीडियो देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें-https://youtu.be/5AANXKqC1Zg
महान मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज ने 19 फरवरी 1630 को जन्म लिया। उन्होंने अपने पराक्रम व प्रतिभा से ममतामयी मां जीजाबाई व पिता शाहजी भोंसले को गौरवान्वित किया। बचपन से ही छत्रपति शिवाजी महाराज को दादा कोण देव ने युद्ध विद्या में निपुण बना दिया। शिवाजी ने सिंधु गढ़ और विजयदुर्ग को नौसेना के लिए तैयार किया। उनकी गोरिल्ला रणनीति ने मुगलों को डरा दिया। अपनी बुद्धिमानी, शौर्य, वीरता, युद्ध कुशलता से मुगलों को पराजित किया। आदिल शाह की विधवा बेगम द्वारा भेजे गए अफजल खां के पेट में बगनखा घुसेड़ उसका वध किया। प्रतापगढ़ तथा रायगढ़ दुर्ग जीतकर रायगढ़ को मराठा साम्राज्य की राजधानी बना दिया।इस तरह मराठा साम्राज्य का दबदबा दुनिया में कायम कर यह वीर मराठा योद्धा तेज बुखार के कारण 3 अप्रैल 1680 को अमरत्व को प्राप्त कर स्वर्ग सिधार गया।
छत्रपति शिवाजी महाराज अमर रहें।
धन्यवाद
वीडियो देखनेेे के लिए लिंक पर क्लिक करें:-https://youtu.be/O6tXrXJMA2Y
हादसे रुह में उतर मसखरी करते हैं,
लफ्ज़ कागज़ पर उतर कर जादूगरी करते हैं।
जो सुख-दुख में साथ दें वो प्यार केे रिश्ते,
दिल में घर बनाया करते हैं।
एक दिन के प्यार का दिखावा करने वाले रिश्ते,
अक्सर टूट जाया करते हैं।
प्यार एहसास है जो जीवन की बगिया को महकाता है।
प्यार वह रिश्ता है जो एक दूसरेेेे जीव का समर्पण कहलाता है।
यह प्यार भााई-बहन ,माता-पिता ,
दोस्तों के सुख-दुख में हर पल देखा जाता है।
एक प्यार वैलेंटाइन डे को प्रकट हो जााता है,
जो सिर्फ लड़का लड़की में देखा जाता है,
यह अक्सर दैहिक वासना को दर्शाता है।
रोज डे, प्रपोज डे, चॉकलेट डे, टेडी बियर डे, प्रॉमिस डे
हग डे, किस डे प्यार जैसे पवित्र एहसास का
बाजारीकरण कर जाताा है।
इन वैलेंटाइन डे वालों का हर साल प्राय
वैलेंटाइन बदल जाता है।
इस दिन का दिखावा जीवन में समर्पित
रिश्तो के प्यार के सामने फीका पड़़ जाता है।
जीवन केेे सुख-दुख में हर पल साथ निभानें वाला वैलेंटाइन कहलाता है।
वीडियो देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें-https://youtu.be/Dn3oQs27_9s
ऋतुएं आएं ऋतुएं जाएं,
जीवन में ये बहार लायें।
बसंत ऋतु में मन हर्षाए,
चारों तरफ प्रकृति खिल खिलाए।
फूलों पर भंवरे मंडरायें,
परिवर्तन का पाठ पढ़ाएं
ऋतुएं आएं ऋतुएं जाएं,
कुदरत अपना रंग दिखाए।
हर कली फूल बन जाए। बसंत ऋतु जब- जब आए
जीवन की बगिया महकाए
डाल-डाल पंक्षी चहकाएं
फूलों में खुशबू भर आए,
आओ बसंत का लुत्फ उठाएं ।
बसंती रंगों में घुल जाएं,
हम नित नये हुनर सीख पाएं
दुनिया में हम छा जाएं,
आओ हम सब मिल बसंत पंचमी मनाएं
ऋतुएं आएं ऋतुएं जाएं।
वीडियो देखने के लिए क्लिक करें-https://youtu.be/bTLxGVV68Ng
बाल दिवस पर रहे बच्चे खेल,चारों तरफ है रेलम पेल।
नेता कर रहे संवाद, बच्चों की करो देखभाल।
सब बच्चों की करो संभाल, हर बच्चा हो मालामाल।
लेकिन बाल मजदूरों का, नहीं आता किसी को ख्याल।
कर्मचारी, अधिकारी, व्यापारी सब बने दलाल,
जो खा जाते गरीब बच्चों का माल।
फैक्ट्री के मालिक करते बाल मजदूरों को हलाल,
कम पैसे दे काम कराते सालों साल,
बाल मजदूर का नहीं आता किसी को ख्याल।
बाल श्रमिक करता है यह सवाल?
हमें क्यों नसीब नहीं होती रोटी दाल,
कौन चलता है नई-नई चाल।
बाल दिवस पर भाषण दे, नेता बजाता अपने गाल ।
बाल मजदूर का है, देश में हाल बेहाल।
बाल दिवस पर करो पहले इनका ख्याल।
बाल दिवस पर करो पहले इनका ख्याल।
वीडियो देखें:-https://youtu.be/qvpy4SqQbtU
वह बचपन कहां आधुनिकता में मर गया
नेहरु चाचा भी बच्चों के लिए बहुत कुछ कर गया
वह बचपन कहां आधुनिकता में मर गया
पहले वाला समय अब तर गया
आज दूध में मुंहे बच्चे में भी ज्ञान भर गया
मां के स्तन का दूध बिना मिले
ही बोतल का दूध असर कर गया
वह बचपन कहां मर गया
वह बचपन कहां मर गया
मेरे स्कूल का बैग इतना भर गया
कि मैं एलकेजी में ही डर गया
घर गली मोहल्ले में बचपन ही अब मर गया
पबजी का खेल बचपन पर अपना घर कर गया
खेल के मैदानों से बच्चा अब डर गया
आज का बच्चा गली में खड़े कुत्ते को
ही देख कर डर कर अपने घर गया
इस आधुनिकता मेंं बचपन कहां मर गया
बचपन कहां मर गया
बाल दिवस पर भी हर कोई आया
और दो चार लाइनों में बचपन की बातें कर गया
पर हकीकत में तो बचपन अब मर गया
बचपन अब मर गया।
वीडियो देखें -https://youtu.be/zEgmm76GQPk