
गणतंत्र दिवस पर कविता 1
युगो युगांतर से चली आ रही यह परंपरा है।
यह भारत भूमि तो शुर वीरों की धरा है।
इस धरा पर लिया जन्म यह सौभाग्य हमारा है।
जिसने भी हमें ललकारा उसको हमने मारा है।
गणतंत्र दिवस पर लहराता तिरंगा हमको प्यारा है।
मंदिर मस्जिद गिरजाघर और गुरुद्वारा हमारा है।
विविधता में एकता वाला भारत देश हमारा है।
तीन रंग का हमारा झंडा तिरंगा सबसे न्यारा है।
यह बल पौरुष है सदियों का यह बलिदान हमारा है।
गुलामी की जंजीरों को सहना हमको नहीं गंवारा है।
इस पावन धरा पर बहती गंगा ,यमुना ,ब्रह्मपुत्र ,
सतलुज जैसी नदियों की धारा है।
आज खुले हैं द्वार हर मठ मंदिर के गूंजा भारत सारा है।
धरती अपनी अंबर अपना सूरज चांद हमारा है।
बोल उठा भारत का कण-कण शुभ बलिदान हमारा है।
हम हैं स्वतंत्र सब भारतवासी सब ने यही पुकारा है।
गणतंत्र दिवस की पावन बेला पर लहराता तिरंगा हमको प्यारा है।
धन्यवाद। जय हिंद जय भारत
वीडियो देखें-https://youtu.be/U4CIznTLHyw
गणतंत्र दिवस पर कविता 2

हम मां भारती के वीर सिपाही, मां भारती को सजाएंगे।
इस गणतंत्र दिवस की पावन बेला पर, वीरों के गीत सुनाएंगे।
हम बिना किसी से डरे, मानव की पीड़ा हरते जाएंगे।
भारतवर्ष की पावन धरा की, प्रकृति को सजाएंगे।
हरा भरा और स्वच्छ हो, इस धरा का आंचल, हम स्वच्छता को अपनाएंगे।
डिजिटल क्रांति के इस युग में, हम आगे बढ़ते जाएंगे।
दुनिया के हर कोने में, तिरंगे का परचम लहराएंगे।
सद्भावना त्याग प्रेम भाईचारे का पाठ पढ़ाएंगे।
इस जहां को भारत मां की मिट्टी की शान बताएंगे।
वीर शहीद भगत ,सुभाष ,अशफाक, बिस्मिल के बलिदान को नहीं भुला पाएंगे।
सत्य अहिंसा के पथ पर चलकर गांधी, नेहरू ,अंबेडकर ,लाला लाजपत राय के सपनों का देश बनाएंगे।
इस गणतंत्र दिवस की पावन बेला पर हम वीरों के गीत सुनाएंगे।
धन्यवाद। जय हिंद जय भारत
वीडियो देखें-https://youtu.be/5atghuzjGRs
गणतंत्र दिवस पर कविता 3
महक उठा था ,भारत सारा तिरंगा हमारी पहचान
26 जनवरी 1950 को बारी आयी, भारत के संविधान की।
जाग उठी थी धरती, उस दिन हिंदुस्तान की।
चमक उठी कण-कण चिंगारी, आज आत्मसम्मान की।
लाखों वीर शहीदों ने ,लगा दी बाजी अपनी जान की।
हर तन मन से आवाज आई ,उस स्वतंत्र अभिमान की।
अनेकों वीरों ने गाथा गाई ,भारत देश महान की।
गली-गली में गाथा गाई रानी लक्ष्मी ,वीर शिवाजी, राणा प्रताप की शान की।
भगत सिंह सुभाष ,अशफाक ,बटुकेश्वर जैसे वीरों ने
परवाह नहीं की जान की। आओ सुनाएं आज हम चंद्रगुप्त और विक्रम के जय गान की।
नहीं झुके हैं हम, नहीं झुकेंगे लाज रखेंगे तिरंगे की शान की।
धन्यवाद। जय हिंद जय भारत
गणतंत्र दिवस पर कविता 4
मां भारती के चरणों में प्यारा घर संसार है।
इस गणतंत्र दिवस पर आप सभी को नमस्कार है।
इस मिट्टी पर मर मिटने वाले शहीदों का उपकार है।
वीर भगत सिंह सुभाष चंद्र शेखर बटुकेश्वर की जय जयकार है,
इस धरा पर मर मिटने वाले अमर शहीदों की जय जयकार है,
शहीदों की जय जयकार है। आजादी जो धर्म हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है,
होली दिवाली ओणम पोंगल दुर्गा पूजा जैसे विविध त्योहार हैं।
इस धरा पर होली पर्व पर गाते फाग मल्हार है।
थल जल व नभ में मंगल यान से करते हम अविष्कार हैं।
यहां जीवन वीणा सदा छेड़ती समता की झंकार है।
इस गणतंत्र दिवस पर आप सभी को नमस्कार है।
मां भारती के चरणों में प्यारा घर संसार है।
शहीदों की जय जयकार है ,शहीदों की जय जयकार है।
धन्यवाद। जय हिंद जय भारत
गणतंत्र दिवस पर कविता 5
गणतंत्रात्मक देश हमारा तिरंगा इसकी शान है।
कोई पंजाबी कोई मद्रासी, कोई बंगाली ,कोई तमिल,
कोई मलयालम ,कोई उत्तर से, कोई पूरब से ,कोई पश्चिम से
कोई दक्षिण से यह विविधता हमारी पहचान है।
भारतीय गणराज्य के बच्चे बच्चे का अपना एक ईमान है।
सदाचार और भाईचारे पर हमें अभिमान है।
हम भगत सिंह राजगुरु सुखदेव बोस जैसे वीरों की संतान है।
हमारे हाथों में मेहनत और आंखों में आंधी और तूफान है।
हमारा तिरंगा ऊंचा रहे सदा जो कि हमारा निशान है।
भारत का हर एक बच्चा फौलादी चट्टान है।
गणतंत्रात्मक देश हमारा तिरंगा इसकी शान है।
धन्यवाद। जय हिंद जय भारत
गणतंत्र दिवस पर कविता 6
उठो साथियों समय नहीं है यह शोभा श्रंगार का।
आज चुकाना है ऋण, हम सबको वीरों के बलिदान का।
प्राण हथेली पर रखकर लड़े थे ,जो जंग के मैदानों में।
जिन्होंने आजादी के लिए बिगुल बजाया, अंग्रेजी हुकूमत के कानों में।
फर्क नहीं आने दिया, उन्होंने भारत मां की शान में।
सबके आगे एक प्रश्न था,भारत मां आजाद कराने का।
खुली हवा में सांस ले ,वतन महफूज कराने का।
उनके बलिदानों के कारण, आज शक्ति हमारे पास है।
आन बचाए रखें तिरंगे की, यह भारत भूमि के बच्चे बच्चे से आश है।
हमें साहस और शौर्य से लिखना एक नया इतिहास है।
आज सभी प्रण लो ,इस गणतंत्र त्योहार पर।
हम सदैव ख्याल रखेंगे ,तिरंगे की शान का।
उठो साथियों समय नहीं है, यह शोभा श्रंगार का ।
आज चुकाना है ऋण ,हम सबको वीरों के बलिदान का।
धन्यवाद । जय हिंद जय भारत
गणतंत्र दिवस पर कविता 7
मांग रही है भारत माता वीरों आज फिर कुर्बानियां।
तुमको अपना सर्वस्व लुटा कर लिखनी नई कहानियां।
मिटानी है, अब तुमको स्वतंत्र भारत से यह बुराइयां ।
जोर पकड़ रही भ्रष्टाचारी, व्याभिचारी, बलात्कारियों की शैतानियां।
अब नहीं करने देनी बदमाशों को मनमानियां।
मांग रही है भारत मां वीरो आज फिर कुर्बानियां।
इस धरा पर वीरो सुनी जाती थी राम कृष्ण अर्जुन भीम की जुबानियां।
यहां सुनी जाती थी वीर प्रताप ,शिवाजी की कहानियां।
उठो वीरो बदलो भारत को कर दो तुम अर्पण अपनी शौक जवानियां।
तुमको अपना सर्वस्व मिटाकर लिखनी है नई कहानियां।
धन्यवाद । जय हिंद जय भारत
गणतंत्र दिवस पर कविता 8
आज गणतंत्र दिवस की पावन बेला पर यह पावन जल चढ़ा है।
अमर शहीद भगत सिंह, सुभाष ,बटुकेश्वर जैसे वीरों ने इस दिन को गढ़ा है।
आज हर व्यक्ति के मन में झंडे का जोश चढ़ा है।
उन्नति की सीढ़ी पर हमारा हर एक कदम पड़ा है।
हम भारतवासियों ने इसे अपने आत्मबल पर गढ़ा है।
तिरंगे की शान के लिए हिंदुस्तान का बच्चा-बच्चा लड़ा है।
भारत माता की यह पावन धरती यहां हर मन ललचाया है।
इस जमीं का नाम सोने की चिड़िया बन पाया है।
बहुत दिनों की गुलामी के बाद हमने यह गणतंत्र दिवस मनाया है।
धन्यवाद । जय हिंद जय भारत